Sunday, April 15, 2012

UP Police: Meerut: sex in police line: प्रेमिका के साथ पुलिस लाइन क्वाटर्र में सेक्स करते पुलिस जवान को अधिकारियों ने पकड़ा, अब आरआई साहब करेंगे कार्रवाई....

मेरठ : छठी वाहिनी पीएसी के एक जवान पर मेरठ की पुलिस लाइंस को ही अपनी रंगरलियां मनाने का अड्डा बनाने का आरोप है। वहां रहने वाले अन्य पुलिसकर्मियों के परिवार ने उसका विरोध किया, लेकिन हवस के जुनून में उसने किसी की नहीं सुनी। मजबूरन लोगों ने इसकी शिकायत अधिकरियों से की। शुक्रवार को पुलिस ने उसे उसकी प्रेमिका के साथ आपत्तिजनक हालत में रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि जवान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। लोकेश छठी वाहिनी पीएसी में जवान के पद पर तैनात है। पुलिस लाइन में रहने वाले परिवारों के अनुसार पुलिस में ही तैनात एक महिलाकर्मी को आई-23 क्वार्टर अलॉट किया गया है। लेकिन अधिकांश समय इस क्वॉर्टर पर ताला लटका रहता है। आरोप है कि इस क्वॉर्टर में अक्सर लोकेश एक जवान लड़की के साथ आता जाता है। ताला खोलकर यहां घंटों रहता है और फिर वापस चला जाता है। आसपास रह रहे अन्य पुलिस कर्मियों के परिजनों को आरोपी जवान की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। उन्होंने लोकेश को समझाने की कोशिश की। उन्होंने लोकेश से कहा कि वह इस तरह की हरकतें कर यहां का माहौल खराब न करे। लेकिन पीएसी के इस जवान के कानों पर जंू नहीं रेंगी और यह सिलसिला चलता रहा। इस पर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने इसकी शिकायत आरआई पीपी कर्णवाल से की। उन्होंने पुलिस लाइन के इन कर्मियों से कहा कि इस बार जब यह जवान आए तो उन्हें बताएं। शुक्रवार को जैसे ही लोकेश अपने साथ लड़की लेकर यहां आया और ताला खोलकर अंदर गया, लोगों ने वरिष्ठ अधिकारी को मोबाइल पर इसकी सूचना दे दी। सूचना मिलते ही आरआई ने थाना सिविल लाइन पुलिस को मामले की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने पुलिस लाइन पहुुंचकर क्वॉर्टर में छापा मारा तो यहां लोकेश और साथ आई लड़की को आपत्तिजनक हालत में पाया गया। पुलिस पीएसी के जवान लोकेश को थाना सिविल लाइन ओर लड़की को महिला थाने ले गई। दोनों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह आपस में प्रेम करते हैं। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। पकड़े जाने के बाद पीएसी का जवान पुलिस और आरआई से माफी मांगता रहा, लेकिन पुलिस आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

Jharkhand Police: Bokaro: no land for police thana: बोकारो में हरला और मारफारी पुलिस थानों के लिए स्टील प्लांट नहीं दे रहा जमीन, अब क्या करे झारखंड पुलिस...

BOKARO: The setting up of two model police stations in the steel city is getting delayed as the police department is finding it difficult to acquire land from Bokaro Steel Plant (BSL) for its construction. The police officials have expressed discontent against BSL after getting unsatisfactory response from them. The department plans to upgrade the Harla and Marphari police stations and require land in this regard. The model police stations will be equipped with separate cells for men and women, barrack, residential quarters for police officers, computer room, etc. SP Kuldeep Dwivedi has asked the BSL management to provide land for the two stations but the firm is yet to give a positive response to the police department. The BSL management has informed the SP that sale and lease of company land has been suspended since May, 2011 as per central government directives. The chairman of Steel Authority of India Limited (SAIL) has issued a direction to the BSL management that the authorities have to seek permission from Cabinet for sale or lease of land. "The BSL management cannot allot land to the district police department before getting a no objection certificate (NOC) from central government," said a BSL officer.

J & K Police: Srinagar: Social media: facebook: जम्मू-कश्मीर पुलिस को पता चला कौन भड़का रहा था सोशल मीडिया साइट्स से हिंसा..

Srinagar: The Cyber Crime Cell of Jammu and Kashmir police has claimed to have uncovered a network of youths who used social networking sites to foment trouble in the state during the last few years. "We have identified the persons who have been indulging in trouble mongering over the past couple of years by using the social networking sites," Inspector General of Police (Kashmir Zone) SM Sahai told PTI. Some of the youths have already been questioned, but no arrest has been made so far in the case, he said.
hey were operating pages like 'Freedom of Dawn', 'Balai Khuda', 'Aalov' and 'we love Syed Ali Shah Geelani' on Facebook, which allegedly supported separatist agenda and stone-pelting incidents during the summer unrest of 2010. In fact, these pages had become reliable sources of information about incidents during the five months of unrest that year as Internet users from various parts of the Valley posted latest events on these pages, they claimed. Anti-national pages being operated from abroad, including in UK, US, Pakistan and the UAE, have been tracked down and most of their administrators are Kashmiris based in these countries, they claimed.

UP Police: Mathura: बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर गोलियां चली, एसओ अवधेश त्रिपाठी और सिपाही सर्वेश दुबे गंभीर रूप से घायल...

गुरुवार की रात कार में सवार बदमाशों ने पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला किया। बदमाशों की ओर से की गई ताबड़तोड़ फायरिंग में एसओ और एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस टीम की ओर से की गई जवाबी फायरिंग में एक बदमाश भी घायल हो गया। पुलिस ने एक बदमाश को गिरफ्तार कर दिल्ली से लूटी गई स्विफ्ट कार बरामद कर ली है। घटना की सूचना पाकर एसएसपी सहित पुलिस के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। जानकारी के अनुसार पुलिस जिला मुख्यालय को थाना मगोर्रा के कस्बा सौंख स्थित एक ढाबे पर बदमाशों के पहुंचने की सूचना मुखबिर से मिली थी। इस पर एसओ महावन अवधेश त्रिपाठी एसओजी टीम के साथ बदमाशों की धरपकड़ के लिए रवाना हो गए। गुरुवार की रात करीब 10.30 बजे पुलिसकर्मी कस्बा सौंख के कुम्हेर रोड स्थित ब्रजवासी ढाबे पर भोजन कर रहे थे। इसी बीच एक स्विफ्ट डिजायर कार वहां आकर रुकी और उसमें से उतरे 2 युवकों ने ढाबे के मालिक से 20 रोटियां और सब्जी पैक करने को कहा। पुलिसकर्मियों को कुछ शक हुआ तो उन्होंने कार की घेराबंदी कर उसे अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया। इस पर कार में सवार बदमाशों ने पुलिस पर सीधी फायरिंग कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की। गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर ढाबे पर खाना खा रहे ग्राहकों में भगदड़ मच गई। वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह छिपकर जान बचाई। इसी बीच कार को ढाबे पर ही छोड़कर बदमाश जंगल की ओर भाग निकले, लेकिन पुलिस ने पीछा कर एक बदमाश को दबोच लिया। बदमाशों की गोली से एसओ अवधेश त्रिपाठी और सिपाही सर्वेश दुबे गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों घायलों को पुलिस जीप से ही स्वर्णजयंती अस्पताल भिजवाया गया। घटना की सूचना पाकर एसएसपी धर्मवीर, एसपी देहात पी.के. तिवारी बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स लेकर घटनास्थल पर पहुंचे। पूरी रात जंगल में पुलिस कॉम्बिंग भी हुई, लेकिन इसमें पुलिसकर्मियों को कोई सफलता नहीं मिली। एसएसपी धर्मवीर ने बताया कि पकड़ा गया बदमाश राजस्थान के भरतपुर का रहने वाले देवेंद्र है। बदमाशों से बरामद स्विफ्ट कार 2 अप्रैल को दिल्ली निवासी भगवान शुक्ला से लूटी गई थी। बदमाशों ने उनके बेटे प्रशांत को भी गोली मारकर घायल कर दिया था। एसएसपी के अनुसार पकड़े गए बदमाश से पूछताछ जारी है। पुलिस को पूछताछ से कई संगीन वारदात के खुलासे की भी संभावना है।

Uttarakhand Police: Dehradun: उत्तराखंड के नए डीजीपी बने विजय राघव पंत, कुर्सी संभालते ही फरमान जारी...

देहरादून, जागरण संवाददाता: पुलिस के कर्तव्यों व मूल कार्यो को छोड़ प्रापर्टी डीलरों व शराब माफिया से 'सेटिंग' करने और रिश्वत लेने वाले पुलिस अफसर व कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे। पुलिस का काम कानून-व्यवस्था का अनुपालन कराना और अपराध पर नियंत्रण करना है। नए पुलिस महानिदेशक विजय राघव पंत ने पदभार संभालते ही सख्त चेतावनी दी कि खाकी पर 'दाग' लगाने वाले अक्षम्य गलती के गुनहगार होंगे। प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक विजय राघव पंत ने शनिवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पदभार ग्रहण किया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राजधानी में बढ़ते अपराध की समीक्षा होगी और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था का अनुपालन और शांति-व्यवस्था कायम रखना सर्वोपरी है। अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं (चीन व नेपाल) की चौकसी बड़ी चुनौती है। सैन्य बलों से सामंजस्य बैठाकर सीमाओं की सुरक्षा पुख्ता की जाएगी।

MP Police: Bhopal: निर्मल बाबा से पूछताछ कर सकती है मप्र पुलिस..

नई दिल्ली/रांची/भोपाल/रायपुर. अजीबोगरीब उपायों के बूते लोगों की समस्याएं हल करने का दावा करने वाले निर्मल बाबा खुद मुसीबत में हैं। बेशुमार दौलत होने का खुलासा होने के बाद देशभर में उनके खिलाफ गुस्सा दिखने लगा है। शनिवार को कुछ और शहरों के लोग शिकायत लेकर थाने पहुंचे। रायपुर और भोपाल पुलिस बाबा से पूछताछ की तैयारी में है। दोनों शहरों के थानों में बाबा के खिलाफ शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई गई थी। भोपाल सीएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि बाबा से जल्द ही पूछताछ की जाएगी। टीवी चैनलों के मुताबिक बाबा भक्तों से मिले पैसे होटल कारोबार में लगा रहे थे। दिल्ली में उन्होंने अक्षरा होटल खरीदा था। टीवी चैनलों के मुताबिक बाबा भक्तों से मिले पैसे होटल कारोबार में लगा रहे थे। दिल्ली में उन्होंने अक्षरा होटल खरीदा था। खुलासा होने के बाद बाबा के भक्त घट गए और खाते में पैसा आना कम हो गया। औसतन रोज 4500 लोग बाबा के खाते में पैसा जमा कराते थे। लेकिन शुक्रवार को 1800 लोगों ने ही पैसे जमा कराए। अब खुद भक्तों के भरोसे टीवी वालों को फोन करके बताओ मेरी शक्ति के बारे मेंनिर्मल बाबा बचाव की मुद्रा में हैं। जिन भक्तों के संकट दूर करने का वे दावा करते थे, शनिवार को उन्हीं भक्तों से खुद का संकट दूर करने का निवेदन करने लगे। बाबा ने ट्वीट करके अपने अनुयायियों से कहा कि वे टीवी चैनलों को फोन करके मेरी शक्तियों और अपने अनुभव के बारे में बताएं। बाबा ने भक्तों से शांति और संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैं सभी नियम कायदों का पालन करता हूं, मैं टैक्स भरता हूं तो फिर मेरा काम गैरकानूनी कैसे हो सकता है। ईंट-भट्टों का धंधा नहीं चला तो निर्मलजीत बने बाबा निर्मल बाबा यानी निर्मलजीत सिंह। ये झारखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर¨सह नामधारी के साले हैं। नामधारी बताते हैं कि ७क् के दशक में निर्मल के पिता की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद मां ने निर्मल को झारखंड के डाल्टनगंज भेज दिया। वहां उन्होंने कपड़े की दुकान खोली। कुछ सालों में वह बंद हो गई। फिर निर्मल ब्रिक्स नाम से ईंट भट्टों का धंधा करने लगे। वह भी नहीं चला। तो अंत में निर्मल बाबा बनकर कृपा के कारोबार में आ गए। समागम में प्रति व्यक्ति से 2000 रुपए फीस लेते हैं बाबा की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है समागम के नाम पर ली जाने वाली फीस। बाबा प्रति व्यक्ति से 2000 रुपए लेते हैं। व्यक्तिगत रूप से मिलने वालों से 10 हजार रु. तक लिए जाते थे। एक समागम में करीब 5 हजार लोग रहते हैं। एक महीने में 5 से 7 ऐसे कार्यक्रम होते हैं। इन समागमों का करीब 36 चैनलों पर प्रसारण होता है। एवज में बाबा 17 लाख रुपए चुकाते हैं। इंटरव्यू में बोले- मेरा सालाना टर्नओवर 238 करोड़ रुपए बाबा ने टीवी इंटरव्यू में माना कि उनका सालाना टर्न ओवर 238 करोड़ रुपए है। निर्मल बाबा दो तरह के खातों का संचालन करते हैं। एक खुद के नाम और दूसरा निर्मल दरबार के नाम से। निर्मल दरबार के खातों में भक्तों द्वारा रुपया जमा कराए जाने के बाद बाबा उसे अपने खाते में ट्रांसफर करवा लेते हैं। खाते में सुषमा नरुला का नाम नॉमिनी के रूप में है। वह बाबा की पत्नी है। उनके भक्तों में आम आदमी ही नहीं, बड़े-बड़े अधिकारी, राजनेता, इंजीनियर भी शामिल हैं। अजीब तरह के टिप्स निर्मल बाबा समागम में लोगों को काले पर्स में पैसे रखने, अलमारी में 10 के नोटों की गड्डी रखने, गोलगप्पे खाने और पूजा के स्थान पर मृत बुजुर्गो की उल्टी तस्वीर रखने के सुझाव देते हैं। आय का 10वां हिस्सा दो नोटों के ढेर पर बैठे बाबा का जोर दसवंद पर रहता था। दसवंद यानी आय का दसवां हिस्सा। बाबा भक्तों से कहते हैं कि वे अपनी आय का दसवां हिस्सा उन्हें दान में दें। इससे उनकी समस्याएं खत्म होंगी। खूब निवेश किया >नौ जनवरी को 20 करोड़ रु. का फिक्स्ड डिपॉजिट किया। > 11 जनवरी को पांच करोड़ रु. का फिक्स्ड डिपॉजिट किया। >बैंक में जमा रकम से सूद के 85.77 लाख रुपए मिले। >दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में बाबा ने अक्षरा होटल खरीदा। >होटल पर अभी निर्मल बुटिक होटल का बोर्ड लगा है। >निर्मल बाबा होटल की चेन भी खोलना चाहते थे। आयकर विभाग की नजर मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट आमदनी और निवेश पर जल्द जांच शुरू करने वाली है। छिपे खातों में 4 माह में 123 करोड़ जमा चैनलों के मुताबिक बाबा का एक खाता निर्मलजीत सिंह नरूला के नाम पर भी है। इसका अकाउंट नंबर (1546000102129694) विज्ञापनों में नहीं दिखाया जाता। इस खाते में ४ जनवरी से 13 अप्रैल 2012 के बीच 123 करोड़ रुपए जमा हुए थे। इस दौरान 105.56 करोड़ रुपए निकाले भी गए। निकासी 16 बार हुई है। 13 अप्रैल शाम तक खाते में 17.47 करोड़ थे।

Sunday, April 1, 2012

KN Police: Police Appointment: कोर्ट के आगे झुकी कर्नाटक राज्य सरकार, ए आर इन्फेंट होंगे कर्नाटक के नए डीजीपी..

Bangalore: Karnataka government on Saturday decided to appoint AR Infant as Director General of Police following the High Court's verdict which had struck down the appointment of Shankar Bidari as state DGP and IG. "Chief Minister DV Sadananda Gowda had a meeting with senior officers and we decided to give charge to AR Infant as DGP of Karnataka", Home Minister R Asoka told reporters here. However, the government would move the Supreme Court against the High Court verdict, as it has to protect the interests of the state, he said. "Since the appointment of the DGP comes under the state government, we have told our Advocate General to appeal in Supreme Court", Asoka said. The High Court had yesterday dismissed the writ petitions filed by the state government and Bidari challenging the Central Administrative Tribunal order as "without merit and substance" and held his empanelment by UPSC and consequent appointment as "void and illegal." The court had also directed the state government to relieve Bidari forthwith and appoint AR Infant in his place