Wednesday, March 6, 2013

UP Police: Farukhabad: थानों में नही शौचालय, महिला पुलिसकर्मी कहां जाएं? no proper toilets in dist police stations.

फर्रुखाबाद: पुलिस अधीक्षक कार्यालय से लेकर थानों में पुलिस कर्मी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। पुलिस कर्मियों की जिंदगी ठसाठस भरी बैरकों में एक चारपाई एवं बाक्स तक सिमटी है। सिपाहियों की संख्या पूर्व की अपेक्षा बढ़ी पर सुविधाओं का अभाव है। रंग रोगन का बजट तो मिला पर भवन व शौचालय मरम्मत न होने से जर्जर हो रहे हैं। महिला पुलिस कर्मियों के लिए थानों में शौचालय मयस्सर नहीं हैं। एसपी कार्यालय व थानों में पुताई को शासन ने 2 लाख 65 हजार का बजट उपलब्ध कराया है, लेकिन शौचालयों की उचित मरम्मत न होने से स्थिति दयनीय है। जन सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी में विभाग का कहना है कि शौचालयों की स्थिति 'ठीक' है, लेकिन वास्तविक स्थिति का आकलन तो पुलिस कार्यालय से ही हो जाता है, जहां जनपद के आला अधिकारी बैठते हैं। महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था कार्यालयों व थानों में नहीं है, इससे सभी को बहुत समस्या होती है। अधिकारी स्तर पर सुविधाएं हैं, लेकिन निचले स्तर पर सुविधाओं का अभाव है। इससे महिला सिपाहियों का कार्य प्रभावित होता है। पुरुष सिपाही तो वैकल्पिक व्यवस्था ढूंढ लेते हैं। पुलिस कार्यालय में तीन शौचालय हैं पर उनके दरवाजे टूटे हैं। यही हाल कोतवाली फतेहगढ़ का भी है। ऐसे में पुलिस कर्मचारियों को दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। बैरकों में पर्याप्त स्थान नहीं है। 30 सिपाहियों के रहने के स्थान पर 10 पंखे लगे है। ब्रिटिश कालीन आवास जर्जर हो गए है। अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि थानों व पुलिस कार्यालय में रंग रोगन का काम चल रहा है। इसके बाद शौचालयों की मरम्मत कराई जाएगी।

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