Friday, December 28, 2012

UP Police: Human Right Commission fined police party in encounter case: एनकाउंटर करने गए थे, अब पांच लाख मुआवजा देना होगा

गाजीपुर : मानवाधिकार ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है। इनामी बदमाश राधे उर्फ राधेश्याम के मामले में मुठभेड़ में शामिल पुलिस कर्मियों पर पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। साथ ही पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच कराने को कहा है। वर्ष 2008 में उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता गहमर के अलख सिंह पुत्र बलवंत सिंह की हत्या कर दी गई थी। जिसमें नंदगंज थाने के महमूदपुर पाली के इनामी राधे उर्फ राधेश्याम का नाम प्रकाश में आया था। बीते 23 जून 2010 को जिले की पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस टीम में एसओजी प्रभारी वीके मिश्र, बहरियाबाद के तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय यादव व नंदगंज रणजीत राय शामिल थे। बाद में राधे के परिजनों ने मानवाधिकार के यहां शिकायत की थी कि राधे को पुलिस ने घर से उठाकर मारा। वह नितांत गरीब है। मानवाधिकार ने सुनवाई के बाद मामले की पुन: जांच कर पुलिस टीम को पांच लाख रुपये देने को कहा है। मामले की जांच एएसपी नगर मानसिंह चौहान कर रहे है। इस बाबत पूछे जाने पर श्री चौहान ने बताया कि मानवाधिकार आयोग का पत्र मिला है। मामले की जांच पूर्व में भी एक बार हो चुकी है। राधे उर्फ राधेश्याम शातिर अपराधी था। सुपारी पर घटनाओं को अंजाम देता था। मामले की जांच की जा रही है।

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