Tuesday, March 27, 2012

NOIDA Police: नोयडा पुलिस नहीं कर सकेगी बोलेरो की सवारी, राज बदला तो कांट्रेक्ट भी बदल सकता है...

पुलिस की 40 पीसीआर गाड़ियां अप्रैल से गायब हो सकती हैं। नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 40 बोलेरो किराये पर लेकर पुलिस को सुरक्षा के लिए दे रखा है। सुरक्षा के लिहाज से उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने पर प्राधिकरण पुलिस से पीसीआर वापस लेकर उनका अनुबंध समाप्त करने पर विचार कर रहा है। 31 मार्च को यह अनुबंध समाप्त हो रहा है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद प्राधिकरण नया अनुबंध करने के मूड में नहीं है। पीसीआर में लगी सारी गाड़ियां बसपा के एक विधायक की है। जिस ट्रांसपोर्ट कंपनी से बोलेरो किराया पर लिया गया है, वह ट्रांसपोर्ट बसपा विधायक के भाई के नाम पर है। सितंबर, 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने नोएडा में मेट्रो रेल का उद्घाटन करने के दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस पीसीआर वाहन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। नोएडा व ग्रेटर नोएडा को पीसीआर वाहन का खर्च उठाने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक ट्रांसपोर्ट कंपनी से 40 बोलेरो किराये पर ली थी। इसमें 20 बोलेरो नोएडा व 20 ग्रेटर नोएडा पुलिस को दिसंबर 2009 में सौंपा दी थी। इस दौरान प्राधिकरण ने एक बोलेरो 80 हजार रुपये प्रति माह किराये पर ली थी।
इसके तहत ट्रांसपोर्ट कंपनी से एक साल का अनुबंध हुआ था। पुलिस ने सुरक्षा के लिए बोलेरो को पीसीआर के रूप में इस्तेमाल किया। पीसीआर पर पुलिस का चालक न होकर ट्रांसपोर्ट कंपनी का चालक लगाया गया। पुलिस के पीसीआर पर निजी चालक होने पर महत्वपूर्ण सूचनाओं को लीक होने का आरोप उस दौरान लगा था। शहर में जगह-जगह पर पीसीआर तैनात होने के बाद भी आपराधिक घटनाओं में कमी नहीं आई। पीसीआर पुलिस पर लगातार अवैध वसूली करने का आरोप लगता रहा। बसपा विधायक के भाई की ट्रांसपोर्ट कंपनी की बोलेरो होने के कारण प्राधिकरण ने इन्हें हटाने के बजाय हर साल अनुबंध बढ़ा दिया। पिछले साल प्राधिकरण ने ट्रांसपोर्ट कंपनी से बोलेरो खरीदने का निर्णय भी लिया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया। ट्रांसपोर्ट कंपनी से प्राधिकरण का अनुबंध 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। ऐसे में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद प्राधिकरण आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए ट्रांसपोर्ट कंपनी से अनुबंध समाप्त करने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में पुलिस के पास कुल 72 पीसीआर है, जिसमें 40 पीसीआर निजी हैं। अनुबंध समाप्त होने के बाद पुलिस के पास पीसीआर गाड़ी का भी टोटा हो जाएगा।

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