Wednesday, February 8, 2012

Police Policy: WB Police: Kolkata: पश्चिम बंगाल पुलिस एसोसिएशन, नॉन गेजेटेड पुलिस कर्मचारी समिति की मान्यता रद्द करने हाईकोर्ट पहुंचे बंगाल पुलिस के जवान, यूनिफार्म फोर्स में युनियन बनाने का मामला तो नहीं है???

कोलकाता: पुलिस के दो संगठनों की स्वीकृति रद करने के राज्य सरकार के फरमान के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया है। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार से इन संगठनों की स्वीकृति से संबंधित कागजात तलब किए हैं। साथ ही गुरुवार तक किसी भी पुलिस के संगठन को हटाए जाने पर रोक लगा दी है। ज्ञात हो कि राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने 10 जनवरी को पुलिस के दो संगठन पश्चिम बंगाल पुलिस एसोसिएशन व नान गेजेटेड पुलिस कर्मचारी समिति की स्वीकृति रद करने की नोटिस जारी की थी। इन संगठनों के बदले पुलिस वेलफेयर बोर्ड गठित करने की बात कही गई थी। अपने निर्देश में सरकार ने दोनों संस्थाओं को रद करने के साथ उनके कब्जे वाले घरों को खाली करने को कहा था। इस निर्देश को चुनौती देते हुए संगठनों के सदस्यों ने हाईकोर्ट में मामला दायर किया। आवेदनकारियों के पक्ष में वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व मेयर विकास रंजन भंट्टाचार्य, अरूणाभ घोष व मलय घोष ने अदालत से अंतरिम आदेश देने का आवेदन किया, जिससे राज्य सरकार का गृह विभाग नोटिस के आधार पर इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई न कर सके, क्योंकि ये संगठन 1923 से पंजीकृत हैं। 1969 में दोनों ही संगठनों को तत्कालीन राज्यपाल ने स्वीकृति दी थी। ऐसे में इन्हें रद कैसे किया जा सकता है? गृह विभाग ने संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करके नोटिस जारी की है। इस पर न्यायाधीश जयंत विश्वास की अदालत ने निर्देश दिया कि अगले गुरुवार तक किसी भी पुलिस संगठन को हटाया नहीं जा सकेगा। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।

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