Saturday, February 11, 2012

MP Police: Indore: नर्मदा में साल 2005 में बहे 70 लोगों की मौत पर उठा सवाल, हाईकोर्ट ने पूछा जांच पूरी क्यों नहीं हुई..

इंदौर। हाई कोर्ट इंदौर ने पुलिस से सवाल किया कि धाराजी हादसे (जिसमें 70 लोगों की मौत हुई थी) की जांच छह साल बाद भी पूरी क्यों नहीं हुई? कोर्ट ने जांच जल्द पूरी कर 13 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को जस्टिस एम.सी. गर्ग की एकल पीठ में सुनवाई हुई। अदालत के आदेश पर देवास के प्रभारी एसपी तिलक सिंह एवं एसडीओपी के.के. शर्मा कोर्ट में हाजिर हुए। राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज द्विवेदी ने अदालत को बताया कि उस समय ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए उन्हें मेमो दिया गया है। जांच अंतिम चरण में है और जल्द ही चालान पेश किया जाएगा। पुलिस ने सफाई दी कि नर्मदा हाईड्रोलिक कॉपरेरेशन लिमिटेड को 20 से अधिक बार पत्र लिखे किंतु उसने जानकारी देने में आनाकानी की कि नदी में बांध का पानी अचानक क्यों छोड़ा था? इस पर कोर्ट ने लताड़ लगाई कि पुलिस के पास समुचित अधिकार होते हुए भी उसका उपयोग क्यों नहीं किया जबकि निचली अदालत जांच में दस्तावेज प्राप्त करने के आदेश दे चुकी थी। स्टे समाप्त किया कॉपरेरेशन ने घटना के तीन साल बाद हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी कि अब तक जांच पूरी नहीं हुई है। अत: प्रकरण समाप्त किया जाए। इस पर कोर्ट ने स्टे दिया था। गुरुवार को हाई कोर्ट ने स्टे समाप्त करते हुए कॉपरेरेशन को निर्देश भी दिया कि वह पुलिस को जांच में सहयोग करते हुए हर जानकारी दे। यह है मामला देवास जिले की बागली तहसील में वर्ष 2005 में धाराजी तीर्थस्थल पर मेले के अवसर पर हजारों तीर्थ यात्री जमा थे। तभी अचानक नदी में पानी छोड़ने से 70 लोगों की बह जाने से मौत हो गई और 10 लोग लापता हो गए। हादसे के बाद पुलिस ने कॉपरेरेशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की किंतु जांच ठंडे बस्ते में डाल दी। हालांकि कॉपरेरेशन को जानकारी देने के लिए पत्र लिखे कि पानी छोड़ने के लिए दोषी कौन है? कॉपरेरेशन ने भी यह जानकारी नहीं दी। पुलिस ने देवास की निचली अदालत में इस्तगासा लगाया, जिस पर निचली अदालत ने कॉपरेरेशन को जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।

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