Thursday, January 19, 2012

MP Police: Ujjain: थानों में महिला डेस्क तो बना दी, महिला पुलिस स्टॉफ तो है नहीं..

शासन ने पी़िड़त महिलाओं की सुनवाई के लिए शहर के 6 पुलिस थानों में महिला डेस्क स्वीकृत कर बल मंजूर किया है। मगर इनमें से केवल कोतवाली व जीवाजीगंज थानों में ही महिला डेस्क संचालित हो रही है। ऐसे में तहसील के थानों में महिला डेस्क स्थापित करने की बात बेमानी लगती है। पी़िड़त महिलाएंॅ अपनी परेशानी पुरुष पुलिस अधिकारियों के समक्ष बताने में झिझकती हैं। इसके मद्देनजर राज्य शासन ने प्रदेश के चुनिंदा पुलिस थानों में महिला डेस्क की शुरुआत की। इसके लिए राज्य शासन के गृह विभाग ने 28 जुलाई 2010 को आदेश जारी कर प्रदेश के कई स्थानों पर महिला डेस्क शुरू करने के आदेश दिए थे। इनमें उज्जैन के माधव नगर, नीलगंगा, देवासगेट, कोतवाली, महाकाल व जीवाजीगंज पुलिस थाने शामिल हैं। प्रत्येक डेस्क के लिए 1 उपनिरीक्षक, 2 प्रधान आरक्षक तथा 4 आरक्षक का बल भी स्वीकृतकिया गया।
इन थानों में काम कोतवाली थाने में की महिला डेस्क पर स्वीकृत बल से कम स्टाफ है, लेकिन फिर भी काम चल रहा है। वर्ष 2011 में इस डेस्क पर कुल 42 मामले पहुँचे, जिनमें से 40 का निराकरण कर दिया गया। इधर 17 जनवरी को पुलिस अधीक्षक ने एक महिला प्रधान आरक्षक को जीवाजीगंज थाने में तैनात किया है। यहांॅ भी महिला डेस्क शुरू की गई है। तैनात है डेस्क का बल : सूत्रों के अनुसार डेस्क के नाम पर पुलिस थानों मे आंशिक बल तैनात है। माधव नगर में एएसआई, नीलगंगा में एक महिला आरक्षक, महाकाल में तीन महिला आरक्षक हैं। उधर 25 महिला आरक्षक इंदौर पीटीएस में ट्रेनिंग पर गई हैं, जो 6-7 माह में ट्रेनिंग पूरी होते ही लौटकर डेस्क पर पदस्थ होंगी। तहसील के थानों में भी महिला डेस्क गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने मंत्रालय में विभागीय समीक्षा के दौरान निर्देशित किया कि तहसील स्तर तक के पुलिस थानों में महिला डेस्क स्थापित की जाए।

No comments:

Post a Comment