Wednesday, January 18, 2012

MP Police: Indore: इंदौर पुलिस हुई हाईटेक, शहर के सभी बैंकों और एटीएम को 15 दिन में पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ दिया जाएगा...

इंदौर। शहर के सभी बैंकों और एटीएम को 15 दिन में पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ दिया जाएगा। आप बस एटीएम में गड़बड़ी के एसएमएस की एक कॉपी कंट्रोल रूम के नंबर पर भेजें। इससे रात में गश्त करने वाली टीम मौके पर पहुंच सकेगी। 31 जनवरी तक सभी बैंक गार्डस की जानकारी थानों में जमा करना अनिवार्य है। यह बात एसएसपी ने मंगलवार को जाल सभागृह में बैंक अफसरों की बुलाई बैठक में कही। उन्होंने कहा कि राशि का इंश्योरेंस होने का यह मतलब नहीं कि लापरवाह हो जाएं। यूनिवर्सिटी स्थित एसबीआई की ब्रांच में चोर दो दिन तक रहा और एटीएम तोड़कर ही निकला। मशीन ने घटना की संबंधित बैंक अफसर को रात में ही एसएमएस अलर्ट जारी कर दिया था, फिर भी उसने ध्यान नहीं दिया। अगर कंट्रोल रूम के मोबाइल नंबर पर यह एसएमएस आता है तो पुलिस रात में ही एटीएम पर जाकर तस्दीक कर सकती है कि कोई टेक्निकल गड़बड़ है या चोरी का प्रयास है।
300 ब्रांच और 500 से ज्यादा एटीएम जुड़ेंगे- पुलिस कंट्रोल रूम में लगे डिस्ट्रेस कॉल रिस्पांस मैनेजमेंट सिस्टम (डीसीआरएमएस) में सभी मोबाइल यूनिट की लोकेशन और कॉल करने वाले की जानकारी पॉप अप विंडो (मैसेज मिलते ही अपने आप खुलने वाली विंडो) के रूप में उभरती है। इस नक्शे में शहर में सभी बैंकों की लगभग 300 ब्रांच हैं और 500 से ज्यादा एटीएम की लोकेशन जोड़ने का काम डीएसपी क्राइम 15 दिन में पूरा कर लेंगे। यह भी दिए निर्देश - बैंक अफसर थानों में लगे हॉट लाइन टेलीफोन को लगातार चेक करें और थानों से संपर्क कर मॉक ड्रिल भी करवाएं। - सीसीटीवी कैमरे बैंकों के साथ एटीएम में भी लगवाने का प्रबंध करें। - सायरन बैंक से करीब 100 मीटर दूर लगवाएं, जिससे गड़बड़ी होने पर बाहर के लोगों को पता चले और पुलिस को सूचना मिले। - मैनेजर्स अपनी-अपनी बैंक के आसपास रहने वालों से सामंजस्य बैठाकर उन्हें भी मॉक ड्रिल में शामिल करें, उनके घरों पर आवश्यक नंबरों के पोस्टर लगाएं। एक क्लिक और कंट्रोल में दिखेगी लाइव डकैती बैठक में सुखमनी सेफ्टी सॉल्यूशन्स के जसदीपसिंह छाबड़ा और सिंगापुर सिक्यूरिटी सर्विसेस के डीएम चतुर्वेदी ने अपनी-अपनी कंपनियों द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर का प्रेजेंटेशन भी दिया। इसमें बताया गया कि बैंक में डकैती पड़ने पर कोई भी कर्मचारी कम्प्यूटर की-बोर्ड के एक क्लिक से पुलिस को सूचना भेज सकता है और बदमाशों को पता भी नहीं चले। इसके बाद कंट्रोल रूम में ही डकैतों का लाइव वीडियो देखकर पुलिस घेराबंदी कर सकती है।

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