Friday, December 16, 2011

Delhi Police: Crime Branch: केबल ऑपरेटरों से जबरन उगाही के मामले में पुलिस वालों को राहत, क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी , इंस्पेक्टर , एसआई और हवलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश रद्द..

क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी , इंस्पेक्टर , एसआई और हवलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश रद्द कर दिया गया है। अडिशनल सेशन जज ने अपने आदेश में चीफ मैट्रोपॉलिटन मैजिस्टे्रट के ऑर्डर को तथ्यों पर आधारित नहीं माना है। सीएमएम ने केबल ऑपरेटरों से जबरन उगाही के मामले में इन पुलिस वालों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।
तीस हजारी कोर्ट के अडिशनल सेशन जज सुरेंद्र सिंह राठी ने क्राइम ब्रांच में तैनात अडिशनल डीसीपी रवि शंकर , इंस्पेक्टर अनिल दुरेजा , सबइंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह , हवलदार हरिकिशन और केबल नेटवर्क के डायरेक्टर राजीव पाहूजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के ऑर्डर को कैंसल कर दिया है। इन सभी पुलिस वालों के खिलाफ 13 सितंबर को सीएमएम कोर्ट ने एफआईआर के ऑर्डर किए थे। शराब में धुत एक हवलदार की सीडी को भी सही नहीं माना गया है , जिसमें वह हवलदार जबरन उगाही के बारे में बातें कर रहा है। दरअसल , पहले ये सभी पुलिस वाले स्पेशल सेल की नॉर्दर्न रेंज में तैनात थे। 26 जून 2006 को तत्कालीन एसीपी रवि शंकर की टीम ने राजीव पाहूजा की कंप्लेंट पर आईपीसी के सेक्शन 384 ( एक्सटोर्शन ), 506 ( धमकी देना ), 34 ( कॉमन इंटेंशन ) आदि के तहत केबल ऑपरेटरों प्रवीण चुघ , प्रताप सिंह , ओम प्रकाश , संजय सहीपुर आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। शालीमार बाग , रोहिणी , पीतमपुरा , मॉडल टाउन आदि इलाकों में इनका केबल बिजनेस था। इस केस में मुलजिम गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। अभियुक्तों का कहना था कि पुलिस ने राजीव पाहूजा के साथ मिलीभगत कर उन्हें गिरफ्तार किया था। पाहूजा भी केबल बिजनेस में थे। दूसरी ओर , इन पुलिस वालों का तर्क है कि उन्होंने स्पेशल सेल के तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर के एप्रूवल के बाद ही वह केस दर्ज किया था।
इस केस के अभियुक्तों ने गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में शामिल एक हवलदार की बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली थी। शराब के नशे में कार में बैठा वह हवलदार केबल ऑपरेटरों से बातचीत करते हुए इस केस में जबरन उगाही के बारे में बात कर रहा था। इस बातचीत की सीडी के साथ प्रवीण चुघ आदि केबल ऑपरेटरों ने तीस हजारी कोर्ट में कंप्लेंट केस दायर किया था। सीएमएम ने सुनवाई के बाद रवि शंकर , अनिल दुरेजा आदि पुलिस वालों और राजीव पाहूजा के खिलाफ एफआईआर के ऑर्डर दिए थे। इसके खिलाफ इन पुलिस वालों ने सेशन से स्टे हासिल कर लिया था। अब यह ऑर्डर कैंसल कर दिए गए हैं।

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