Friday, October 21, 2011

Mumbai Police: पुलिस वाले 'बिल्लियों' के पुराने आशिक हैं

सुनील मेहरोत्रा।। मुंबई नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले ने सीनियर इंस्पेक्टर अरुण बोरूडे को भले ही कुख्यात कर दिया हो, पर सच यह है कि पुलिस महकमे में कई ऐसे पुलिस अधिकारी अभी भी हैं, जो मुंबई के अलग-अलग कोठों में जाते हैं या अपरोक्ष रूप से देह व्यापार के रैकिट से जुडे़ हुए हैं।
करीब एक दशक पहले की बात है। एक दोपहर मुंबई पुलिस के आईजी रैंक के एक अधिकारी का एक सहायक इंस्पेक्टर के पास फोन आता है। यह आईजी इस सहायक इंस्पेक्टर से कहता है कि मेरे चेन्नै के एक दोस्त कल की फ्लाइट से मुंबई आ रहे हैं। उनके साथ दो खूबसूरत बिल्लियां (लड़कियां) भी आ रही हैं। तुम जरा उनके मुंबई के किसी होटेल में रुकने की व्यवस्था करवा दो। यह सहायक इंस्पेक्टर फौरन मुंबई के एक बड़े होटेल मालिक को फोन करता है और कहता है कि मेरे साहब के दोस्त और उनकी दो बिल्लियों के लिए जरा कमरा अच्छे से सजा कर रखना। यह जिस दौर की बात है, उस दौर में मुंबई में बाहर से जबरन लाए गए तीन डीसीपी की नियुक्तियां की गई थीं। सरकार ने यह नियुक्तियां तब के मुंबई के पुलिस कमिश्नर से सलाह लिए बिना कर दी थीं। इसलिए मुंबई के पुलिस कमिश्नर सरकार के इस फैसले से बेहद नाराज उठे। उनकी नाराजगी की मूल वजह यह भी थी कि उन तीन डीसीपी में से एक की एक बार बाला के साथ न्यूड फोटो उनके पास पहले से मौजूद थी। वह किसी भी हालत में इस चरित्रहीन डीसीपी को मुंबई में रखने के मूड में नहीं थे। कुछ साल पहले जोन-दो के एक डीसीपी की एक महिला के साथ की लव स्टोरी पुलिस सर्कल में काफी चर्चित रही थी। यह लव स्टोरी सुर्खियों में तब आई थी, जब इस डीसीपी ने अपनी इस प्रेमिका के कहने पर अपने केबिन में एक आदमी की जमकर पिटाई कर दी थी। मुंबई पुलिस में अभी भी एक ऐसा एसीपी है, जिसके बारे में एक महिला ने कुछ महीने पहले कहा था कि मैं इसके बच्चे की मां बननेवाली हूं। यह एसीपी दो-तीन सालों में रिटायर होने के करीब है। मुंबई में एक ऐसी महिला की भी काफी चर्चा रही, जो एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंसपेक्टर की भी गर्लफ्रेंड रही और एक स्पेशल आईजी की भी। कुछ महीने पहले जे. रिबेरो ने जिन चार पुलिस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, उनमें से डीसीपी रैंक का एक अधिकारी इस बात के लिए काफी बदनाम था कि वह किसी मोर्चे में आई महिलाओं को भी हमेशा अश्लील नजरों से देखता था। इस डीसीपी ने एक बार अपने एक कॉन्स्टेबल को एक मोबाइल नंबर दिया और कहा कि तुम इस नंबर पर मिस कॉल मारो। बाद में उसने कॉन्स्टेबल से यह कहा कि जब मिस कॉल वाला तुम्हें कॉल करे, तो तुम उसके खिलाफ धमकाने का मामला दर्ज कर देना। लेकिन कॉन्स्टेबल ने उसका आदेश मानने से इनकार कर दिया था।

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