Thursday, October 20, 2011

Delhi Police: Traffic Checking Drive: एक भी महिला नहीं मिली दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को ड्रंकन ड्राइविंग में..बताए क्यों ?

दिल्ली की महिलाओं ने एक और उदाहरण पेश किया है। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक इस साल ड्रंकन ड्राइविंग की चेकिंग के दौरान एक भी महिला ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए नहीं पाई गई। इस दौरान कुछ सड़क हादसे जरूर ऐसे हुए हैं , जिनमें महिलाएं शराब पीकर गाड़ी चलाती हुई पाई गई थीं , लेकिन उन मामलों में कार्रवाई करने का जिम्मा ट्रैफिक पुलिस के बजाय लोकल पुलिस का था। जॉइंट कमिश्नर ( ट्रैफिक ) सत्येंद्र गर्ग के मुताबिक महिलाएं न केवल सेफ ड्राइवर होती हैं , बल्कि ड्रंकन ड्राइविंग से भी परहेज करती हैं। इस साल टै्रफिक पुलिस लगातार ड्रंकन ड्राइविंग की चेकिंग करती आई है , लेकिन अभी तक चेकिंग में एक भी महिला ड्रंकन ड्राइविंग करती हुई नहीं पाई गई।
दिल्ली में ड्राइविंग करने वालों में महिलाएं की तादाद महज 7 फीसदी ही है। आमतौर पर महिलाएं देर रात को भी ड्राइविंग कम ही करती हैं। चूंकि महिलाएं ड्राइविंग करते वक्त अपनी व दूसरों की सुरक्षा को लेकर काफी सजग रहती हैं , ऐसे में वे ड्रंकन ड्राइविंग से भी परहेज करती हैं। चेकिंग में शामिल रहने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के मुताबिक इक्का दुक्का मामलों को छोड़कर न तो महिला ड्राइवरों को चेकिंग के लिए रोका जाता है और न एलकोमीटर से उनकी चेकिंग की जाती है। इसकी दो वजहें हंै। एक तो यह धारणा है कि आमतौर पर महिलाएं ड्रंकन ड्राइविंग नहीं करती है , इसलिए उनकी चेकिंग भी कम ही होती है। दूसरी बड़ी वजह ट्रैफिक पुलिस में महिला स्टाफ की कमी है।
ट्रैफिक पुलिस में इस वक्त तकरीबन 500 ही महिला पुलिसकर्मी हैं। इनमें एक एसीपी , 4 इंस्पेक्टर , 15 एसआई और एएसआई के अलावा 450 से ज्यादा हवलदार और सिपाही रैंक की महिला पुलिसकर्मी हैं। इनमें से ज्यादातर महिलाओं की ड्यूटी दिन के वक्त ही लगती है। चूंकि ड्रंकन ड्राइविंग की चेकिंग रात 8-9 बजे के आसपास से शुरू होती है और देर रात 12-1 बजे तक चलती रहती है , ऐसे में आमतौर पर या तो महिला ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को चेकिंग ड्यूटी में नहीं लगाया जाता है या फिर उन्हें थोड़ी देर के लिए ही ड्यूटी पर बुलाया जाता है। ऐसे में महिलाओं की चेकिंग कम ही हो पाती है। जॉइंट कमिश्नर का कहना है कि जिन जगहों पर महिलाओं द्वारा ड्रंकन ड्राइविंग करने की संभावना रहती है , उन इलाकों में चेकिंग के दौरान महिला स्टाफ को भी तैनात किया जाता है और वे ड्राइविंग कर रही महिलाओं की चेकिंग भी करती हैं।

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