Sunday, September 11, 2011

JK Police: Police Facebook: कश्मीर के किशोर ने फेसबुक पर डाल दिए पुलिसवालों के नाम, पुलिस ने किया गिरफ्तार...

भारतीय कश्मीर में पुलिस ने फ़ेसबुक का 'ग़लत'इस्तेमाल करने के आरोप में एक किशोर को गिरफ़्तार किया है.

बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले फ़ैज़ान समद ने सोशल नेटवर्किंग साइट फ़ेसबुक पर कुछ पुलिसकर्मियों के नाम डाल कर उनपर कश्मीर में चल रहे संघर्ष में 'गद्दारी' करने का आरोप लगाया है.

अधिकारियों का कहना है कि इससे पुलिसवालों की जान को ख़तरा पैदा हो गया है.

भारत विरोधी प्रचार के लिए फ़ैज़ान जैसे हज़ारों कश्मीरी युवा सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल कर रहे हैं.

चर्चित पत्रकार शेख़ मुश्ताक का कहना है कि कश्मीरी युवा 'आज़ादी के संघर्ष' को इंटरनेट तक लेकर आ गए हैं. वे कहते हैं कि अब सरकार के लिए कश्मीर में जो कुछ घट रहा है उसे छिपाना संभव नहीं है.

वे कहते हैं, "हाल ही में कश्मीर आए सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल जब एसएमएचएस अस्पताल गए वहाँ पर फ़ोटोग्राफ़र और कैमरामैन को जाने की अनुमति नहीं थी. लेकिन वार्ड में किसी ने वहाँ पर भारत के ख़िलाफ़ जो नारे लगे उसे अपने मोबाइल फ़ोन पर कैद कर लिया. बाद में उसने इसे फ़ेसबुक पर पोस्ट कर दिया और हमें मालूम हुआ कि वहाँ क्या हुआ था."

शेख़ मुश्ताक का कहना है कि फ़ेसबुक का इस्तेमाल करने वाले 'सिटीज़न जर्नलिस्ट'बन गए हैं.

हमें आतंकवादी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है और किसी भी तरह से इसमें कमी नहीं आई है. इस तरह की गतिविधियों को हमें रोकना ही होगा.
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक, एसएम सहाय
वे कहते हैं, "जब कोई पत्रकार किसी घटना के बारे में रिपोर्ट करने से चूक जाता है तब सिटीज़न जर्नलिस्ट इस काम को अंजाम देते हैं. हाल ही में हमने एक ऐसे पोस्टर को फ़ेसबुक पर देखा जिसमें भारतीय सुरक्षा बल कह रहे थे कि यदि तुम पत्थर फेंकोगे तो हम फ़ायरिंग करेंगे और तुम्हें क्षति पहुँचाएगें. यह तस्वीर किसी अख़बार या टेलीविज़न पर नहीं दिखी."

पुलिस महानिरीक्षक एसएम सहाय कहते हैं कि फ़ेसबुक पर अपने विचारों का प्रसार करना कोई अपराध नहीं है लेकिन हिंसा फैलाने के लिए इसके इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जा सकती.

सिटीज़न जर्नलिस्ट

वे कहते हैं,"हमें आतंकवाद का सामना करना पड़ रहा है और किसी भी तरह से इसमें कमी नहीं आई है. इस तरह की गतिविधियों को हमें रोकना ही होगा. "

दूसरी तरफ़ सहाय ने हाल ही में फ़ेसबुक पर अपना खोता खोला है. उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि युवा क्या सोचते हैं इस बात का उन्हें पता चले साथ ही वे अपने विचारों को उन तक पहुँचाना चाहते हैं.

वे कहते हैं,"कई ऐसे लोग हैं जो कर्फ़्यू के दौरान हमें क्या करना चाहिए इसकी सलाह देते हैं. कुछ लोग समझते हैं कि हमें क्यों कर्फ़्यू लगाना पड़ रहा है, ताकि कम लोग हताहत हो."

सहाय इस बात की पुष्टि करते हैं कि कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. हालांकि वे कहते हैं कि कश्मीर में फ़ेसबुक का इस्तेमाल करने वालों पर निगाह नहीं रखी जा रही है.

वे कहते हैं, "इस गलतफ़हमी को दूर किया जाना चाहिए कि फ़ेसबुक पर नज़र रखी जा रही है. लेकिन यदि हमें इस बात का पता चलता है कि फ़ेसबुक का इस्तेमाल लोगों की जान को क्षति पहुँचाने के लिए की जा रही है तब हम निस्संदेह कार्रवाई करेंगे."

सहाय इस बात की ओर इशारा करते हैं कि फैज़ान समद की उम्र का ध्यान रखते हुए उनके ख़िलाफ़ कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की जाएगी

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