Tuesday, August 30, 2011

HR Police: ये दुनिया का कौन-सा आश्चर्य होगा, माइक वन बोले 12 घंटे से ज्यादा डयूटी नहीं करेंगे पुलिस वाले

बहादुरगढ़। लॉ एंड ऑर्डर को मेनटेन रखने वाले पीसीआर एवं राइडर स्टाफ की भविष्य में रैंडम ड्यूटियां लगा करेंगी। कोई भी कर्मचारी अब लगातार 12 घंटे से अधिक वक्त की निरंतर ड्यूटी नहीं करेगा। ऐसा होने से जहां पुलिसकर्मीयों को शारीरिक व मानस्कि रूप से थकावट कम होगी वहीं उनकी कार्यकुशलता में भी इजाफा होगा।

अपनी कार्यप्रणाली में फेरबदल करने की जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से इस नई पहल के सिलसिले में कड़े आदेश जारी कर दिए गए हैं और साथ ही पहले से पीसीआर एवं राइडर्स पर तैनात स्टाफ को भी पुलिस थानों में वापस बुला लिया गया है। इनकी जगह पर अब नए सिरे से थाने-चौकियों में से स्टाफ की ड्यूटियां लगाई जा रही हैं।


दो शिफ्टों में होगी स्टाफ की तैनाती

पुलिस अधीक्षक पी.आर. सिंह ने बताया कि यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला झज्जर में पीसीआर एवं राइडर्स पर अब दो शिफ्ट बनाकर स्टाफ की तैनाती की जा रही है। पहले जो कर्मचारी पीसीआर एवं राइडर्स पर तैनात किए गए थे उनको तुरंत प्रभाव से वापस थानों में पोस्टिंग दे दी गई है और उनकी जगह पीसीआर पर थाना वाइज एक-एक एनजीओ इंचार्ज, एक चालक एवं दो सशस्त्र पुलिस कर्मचारियों का स्टाफ पीसीआर पर नियुक्त किया जा रहा है।

इसी पैटर्न पर राइडर्स की भी ड्यूटियां तय हो रही हैं। उन्होंने बताया कि सभी पीसीआर एवं राइडर्स के लिए दो-दो शिफ्ट बनाई गई हैं। एक शिफ्ट सुबह 8 से लेकर शाम 8 बजे तक तैनात रहेगी जबकि दूसरी शिफ्ट रात के आठ से लेकर सुबह के आठ बजे तक तैनात रहेगी।

थाना एवं चौकी इंचार्ज की रहेगी जिम्मेवारी

एसपी श्री सिंह ने बताया कि सभी संबंधित थाना एवं चौकी इंचार्ज इसकी व्यवस्था करने के लिए जिम्मेवार होंगे और इस काम में जरा सी भी लापरवाही अगर कहीं मिली तो उसे हरगिज भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिफ्ट वाइज ड्यूटियां होने से कर्मचारियों से काम का दबाव भी कम होगा और उनको आराम का भी अवसर मिल पाएगा जिससे वे आराम के बाद फिर से पूरी तरह तरोताजा एवं चुस्त-दुरूस्त होकर अपने कर्तव्य का पालन सही ढंग से कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि अकसर देखने को मिलता था कि पीसीआर एवं राइडर्स पर अनेक कर्मचारियों की निरंतर ड्यूटी बनी रहती थी और लंबे समय से वे वहीं पर जमे थे। ऐसे कर्मचारियों को भी अब थाने-चौकियों में तैनाती दी गई है ताकि वाहन चालकों आदि से किसी भी किस्म की वसूली या सांठगांठ जैसी किसी भी संभावनाओं को भी सिरे से ही समाप्त किया जा सके।

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