Friday, August 26, 2011

Gujrat Police: जर-जोरू की फांस में फंसे इंस्पेक्टर साब

अहमदाबाद। हावत है कि 'जर', 'जोरू' और 'जमीन' ये तीनों ही चीजें बहुत खतरनाक होती हैं। इस कहावत को सच साबित करती हुई एक घटना है अहमदाबाद की।... एक पुलिस इंस्पेक्टर (पीआई) को अपनी महिला मित्र की वजह से सरेआम एक गुंडे से मार खानी पड़ गई।
हालांकि पीआई ने कुछ ही देर में मौके पर पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर पुलिस की टीम तो बुला ली, पर बदनामी के डर से उन्हें इसकी असलियत नहीं बता सके। पुलिस टीम से उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हमारे बीच समझौता हो गया है और टीम वापस लौटा दी। लेकिन ऐसी बातें छिपती कहां हैं...! अब पूरे पुलिस डिपार्टमेंट में यह चर्चा जोरों पर चल रही है। इतना ही नहीं अब इंस्पेक्टर साब सफाई देते फिर रहे हैं।
दरअसल पूरा मामला कुछ इस तरह है...पुलिस इंस्पेक्टर की एक महिला मित्र हैं, जिन्होंने एक व्यक्ति से एक लाख रुपए ब्याज पर ले रखे हैं। लेकिन अब वे ब्याज और मूल रकम देने में पीछे हट रही हैं। जब भी युवक मैडम से पैसे मांगता तो वह इन पुलिस इंस्पेक्टर की धमकी दे दिया करतीं कि आप इनसे अपने पैसे ले लीजिए।
इस बात से तंग आकर आखिरकार उस युवक ने पुलिस इंस्पेक्टर से बात करने की ही ठान ली। इधर पीआई ने भी उसे अपनी वर्दी का रौब दिखा दिया और उसे वस्त्रापुर लेक पर मिलने के लिए बुला लिया। मौके पर इंस्पेक्टर साहब ने उसकी पिटाई भी कर दी।
अब यह बात उस युवक के लिए असह्य हो गई कि एक तो मैंने पैसे उधार दिए और अपने ही पैसों के लिए मैं ही मार खा रहा हूं। तो उसने भी वहीं पर अपने दो शागिर्द बुला लिए और पुलिस इंस्पेक्टर की सरेआम धुलाई कर दी।
इसी बात से घबराकर पीआई ने कंट्रोल रूम फोन करके पुलिस की टीम भी बुला ली। लेकिन इसके बाद उन्हें ध्यान आया कि अगर उन्होंने यह बात सबको बता दी तो उनकी बदनामी होगी। इसलिए पुलिस टीम से उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हमारे बीच समझौता हो गया है। इसके बाद इन दोनों ने एक ही अस्पताल में उपचार भी कराया।

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