Tuesday, August 30, 2011

Bihar Police: जहां कभी पिता डीजीपी हुआ करते थे, आज वहां बेटा डीजीपी है....

पटना. आईपीएस अधिकारी अभयानंद को लोग पुलिस के आला हाकिम से ज्यादा सुपर थर्टी के पुरोधा के रूप में ज्यादा जानते हैं। बुधवार की शाम वे बिहार के पुलिस महकमे की कमान संभाल लेंगे। लेकिन पढ़ाने से किनारा नहीं करेंगे। पटना में 'रहमानी सुपर थर्टी' समेत देश के आधा दर्जन जगहों पर उनके मेंटरशिप में सुपर थर्टी के केंद्र चल रहे हैं।

'दैनिक भास्कर' के साथ खास बातचीत में अभयानंद ने कहा, 'हर आदमी का व्यक्तिगत समय होता है। मैं उसका उपयोग पढ़ाने में करूंगा। मेरे पास दूसरा कोई निजी काम नहीं है। बच्चे बाहर सेटल्ड हैं। पत्नी डॉक्टरी पेशे में हैं।'

अभयानंद के पिता आईपीएस थे। रिटायर होने के बाद वकालत भी किया। बकौल नए डीजीपी उनके पिता जगदानंद ने उनसे कभी पुलिसिंग डिस्कस नहीं किया। घर में वे सिर्फ परिवार-समाज की बातें करते थे। गौरतलब है कि जगदानंद वर्ष 1985-86 में राज्य के डीजीपी रहे थे। पुरानी यादों को ताजा कर अभयानंद ने बताया कि जब आईपीएस की ट्रेनिंग के बाद उन्हें रांची के तत्कालीन एसएसपी ने कहीं रेड कंडक्ट करने के लिए कहा तो वे समझ नहीं सके।


इसके बारे में जब उन्होंने अपने पिता से पूछा तो दो टूक जवाब मिला, 'अपनी बुद्धि से आईपीएस बने हो, तो अपनी बुद्धि से समझो।' लेकिन वही पिता जब रिटायरमेंट के बाद वकालत करने लगे तो उन्होंने अभयानंद को एडीजी (मुख्यालय) रहते स्पीडी ट्रायल की गुत्थी सुलझाई।
पुलिस महकमे में काम आई फिजिक्स की पढाई

पटना के साइंस कॉलेज से फिजिक्स आनर्स अभयानंद को यह विषय पुलिस महकमे में काम आया। उनके शब्दों में, 'इससे लॉजिक बहुत स्ट्रांग हो जाता है। फिजिक्स के सिद्धांतों को प्रॉब्लम्स के जरिए ज्यादा बेहतर समझा जा सकता है। इसी तरह पुलिसिंग में भी कानून के सिद्धांतों को प्रैक्टिकल कर उन्हें प्रासंगिक बनाया जा सकता है।'

सिंहेश्वर स्थान से मिलती है आध्यात्मिक प्रेरणा

मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर स्थान महादेव मंदिर से नए डीजीपी को आध्यात्मिक प्रेरणा मिलती है। वहीं पूजा करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा और साक्षात्कार में सफलता पाई तो फिर प्रशिक्षण पूरी करने के बाद अनायास ही उनके पैर मंदिर तक चले गए। फिर तो शादी और बच्चे होने के बाद से लेकर अब डीजीपी की अधिसूचना जारी होने तक हर मुकाम पर उन्होंने मंदिर में मत्था टेका। सहरसा से अलग हो मधेपुरा के जिला बनने के बाद अभयानंद वहां के पहले एसपी बने थे।

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