Sunday, July 24, 2011

maharastra police:नागपुर शहर पुलिस को पहली बार सबसे महंगा बुलेटप्रूफ फायरिंग (आरमोड प्रूफ कैरियर) पुलिस वाहन

मुंबई समेत अन्य दूसरे शहरों की तरह अब नागपुर पुलिस भी आधुनिक हथियारों से सुसज्ज हो चली है। शहर पुलिस के पास आधुनिक हथियार आ चुके हैं।

इन हथियारों को चलाने के लिए जवानों को बकायदा प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे उपराजधानी की पुलिस अब और ताकतवर बन गई है, क्योंकि नागपुर शहर पुलिस को पहली बार सबसे महंगा बुलेटप्रूफ फायरिंग (आरमोड प्रूफ कैरियर) पुलिस वाहन मुहैया कराया गया है।

यह कीचड़, रेत और उबड़- खाबड़ वाले रास्तों पर सरपट दौड़ सकता है। इसमें फोरविल ड्राइव सिस्टम है, इसके चारों पहिए एक साथ घूमते हैं। इसका इंजन 5883 सीसी का है।

इसके अलावा और कई खूबियों वाले इस वाहन के मिलने से पुलिस अब दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में पीछे नहीं रहेगी।

दुश्मन की हर हरकत पर होगी नजर:

अभी तक देखा गया है कि मकानों, अस्पतालों या स्कूलों में छुपने वाले दुश्मनों से निपटने के लिए पुलिस को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी।

इसमें अत्याधुनिक हथियारों से लैस पुलिस जवान, दुश्मन की हर हरकतों को आसानी से देख सकते हैं कि दुश्मन कहां छुपा है और वह किस तरह की पोजीशन ले रहा है।

दुश्मनों को यह पता नहीं चल सकेगा कि वाहन के अंदर क्या हरकत हो रही है, लेकिन दुश्मन की हरकत का पता पुलिस को लग जाएगी। अभी तक पुलिस बड़ी मुश्किल से खुद की जान को जोखिम में डाल कर उनका मुकाबला करती थी।

इससे पहले पुलिस, दुश्मनों से फेस टू फेस मुकाबला करने में सक्षम नहीं थी। इस वाहन के आने से किसी भी खतरनाक परिस्थिति का मुंहतोड़ जबाब नागपुर पुलिस दे सकती है।

पुलिस, गोलियां बरसाने वाले दुश्मन के सामने इस वाहन में जाकर उसका मुकाबला करते हुए उसे चित कर सकती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि शहर पुलिस अब पूरी तरह से हर मामले में ताकतवर बन गई है।

टायर पंचर होने पर भी दौड़ेगा 70 किमी तक

बुलेट प्रूफ फायरिंग पुलिस वाहन को बनाने में करीब 50 लाख की लागत लगी है। इस वाहन का वजन करीब साढ़े 7 टन है। इसके टायरों पर गोली लगने का खास असर नहीं होगा, फिर भी टायर पंचर हो जाने पर लगभग 70 किमी तक बिना किसी रुकावट के चलेगा।

खास बात यह है कि यह उसी गति से चलेगा, जिस गति से पंचर होने से पहले चल रहा था।

इसका ईंधन टैंक 200 लीटर का है, इसमें यूं तो 14 लोगों के बैठने की क्षमता है, लेकिन किसी घटना के दौरान दुश्मनों से निपटने के लिए 10 लोग आसानी से बैठ कर दुश्मनों का मुकाबला कर सकते हैं। इसके भीतर एक साथ 8 जवान किसी भी दुश्मन पर फायरिंग कर सकते हैं।

महाराष्ट्र में हैं 4 वाहन

नागपुर एम टी सेक्शन के इंस्पेक्टर अनिल देशमुख ने बताया कि महाराष्ट्र में इस तरह के वाहन चार शहरों को उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें नागपुर, सोलापुर, औरंगाबाद और अमरावती शहर पुलिस का समावेश है।

यह वाहन उन्हीं शहरों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जहां पर पुलिस आयुक्तालय हैं। इस तरह के वाहन पुणे, ठाणे, नासिक आदि शहरों के लिए प्रस्तावित है। यह वाहन क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) के पास रहेगा। नागपुर में इसके लिए क्यूआरटी के एक जवान को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है।

इसलिए बनाया गया है वातानुकूलित

इस वाहन में कहीं से भी हवा का संचार नहीं हो सकता है। इसके भीतर बैठने वाले पुलिस जवान को घुटन न हो या किसी अन्य प्रकार की परेशानी न हो और उसे सही वातावरण मिल सके इसलिए इस वाहन को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है।

नागपुर पुलिस हो गई हाईटेक

नागपुर पुलिस को इस तरह का वाहन मिलने के बाद जवानों का हौसला बढ़ने के साथ ही शहर पुलिस अब और हाईटेक हो गई है। राज्य के दूसरे शहरों की तरह इस शहर में अब पुलिस दुश्मनों की आंखों में आंखें डाल कर उसका मुकाबला आमने-सामने से कर सकती है।
इंस्पेक्टर अनिल देशमुख, नागपुर एमटी विभाग

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