Sunday, July 24, 2011

Foreign Police : China Police: चीन को बताएंगे बिहार पुलिस की बर्बरता

बिहार पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो इन दिनों इंटरनेट जगत पर सनसनी बना हुआ है। यह वीडियो ३ जून को बिहार के अररिया जिले के फोरबेसगंज में हुई पुलिस फायरिंग का है।
इस फायरिंग में फोरबेसगंज के ब्लॉक रामपुर और भजनपुर गांवों के ५ लोग मारे गए थे। यह लोग एक कारखाने के निर्माण के लिए दो गांवों से जोड़ने वाली सड़क की नाकेबंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने न केवल प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई बल्कि उन्हें उनके घरों तक पीछा करके उन्हें मार डाला पॉइंट ब्लैंक रेंज में जिन छह लोगों को गोली से मार डाला गया उनमें दो महिलाए और एक बच्चा भी शामिल है।
यह वीडियो दिखाता है कि पुलिस किस तरह लोगों पर अत्याचार करते हुए संवेदनहीन हो जाती है। वीडियो में एक युवक घायल पड़ा हुआ दिख रहा है और एक पुलिस वाले उसे अपने जूतों से कुचल रहा है। बाद में यह युवक दम तोड़ देता है। इस वीडियो में पुलिस गोलीबारी में मारे गए गांव के अन्य लोग भी दिखाई दे रहे हैं।
बिहार पुलिस की बर्बरता के खिलाफ दिल्ली में मानवाधिकार संगठन एकजुट हो रहे हैं और इस मुद्दे पर बिहार सरकार से सफाई मांगी जा रही है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता और कमिटी फॉर दी जस्टिस टू विक्टीम्स ऑफ़ फोरबिसगंज फायरिंग के सदस्य महताब आलम ने कहा कि हम बिहार सरकार से तीन स्पष्ट मांग करते है। सबसे पहले पूरे घटनाक्रम की उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश से एक समय बद्ध न्यायिक जांच कराई जाए। दूसरे, इस घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों पर तत्काल भारतीय दंड संहिता की 307 धारा के तहत मामला और उनके खिलाफ एफआईआर के पंजीकरण में शामिल कर्मियों के तत्काल निलंबन और तीसरे, प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा और लक्षित विधेयक के अनुसार मुआवजे के रूप में प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम 10 लाख रुपये और आश्रितों में से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाये।
इन मांगों को 13 जून से पहले नहीं माना गया तो बिहार में अल्पसंख्यकों की हत्याओं को उजागर करते हुए चीनी दूतावास को भी एक ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार १३ जून से सद्भावना मिशन पर चीन की यात्रा पर हैं।
इस बीच समिति का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से मिलकर भी फायरिंग में मारे गए लोगों की घटना की जांच की मांग करेगा।

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