Tuesday, June 21, 2011

चंडीगढ़. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर चंडीगढ़ पुलिस की एंटी ड्रंकन ड्राइव मुहिम के दौरान पकड़े गए 11 आरोपी सोमवार को जिला अदालत में पेश हुए। शराब पीकर वाहन चलाने से शहर में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के चलते अदालत ने इनमें से 6 आरोपियों को सबक सिखाने के लिए फाइन के साथ-साथ तब तक कोर्ट में ही रहने की सजा सुनाई जब तक सोमवार को कोर्ट का काम खत्म नहीं हो जाता।


चंडीगढ़ में पहली बार दी गई ऐसी सजा

चालान और मोटर व्हीकल एक्ट के मामले निपटाने के लिए जिला अदालत में बनाई गई स्पेशल कोर्ट ने ड्रंकन ड्राइव के इन मामलों में ‘टिल द राइजिंग ऑफ कोर्ट’ यानी आरोपी को कोर्ट चलने तक बंदी बनाए रखने की सजा सुनाई। स्पेशल जज दीपक राज गर्ग की अदालत ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 185 के तहत शराब पीकर वाहन चलाने वाले व्यक्ति को दो से पांच हजार रुपये फाइन और 6 माह से एक साल तक की सजा का प्रावधान है। स्पेशल अदालत ने पिछले वर्ष 52000 चालानों का निबटारा करते हुए 75 लाख रुपये से अधिक जुर्माना किया है।

परमिसिबल लिमिट 60 एमएल

ड्रंकन ड्राइव के केस में पुलिस ने डॉक्टरी सलाह को ही अपना पैमाना माना है। 60 एमएल तक एल्कोहल को परमिसिबल लिमिट के दायरे में रखा गया है। दो पेग से ज्यादा और एक बीयर से अधिक पीने पर चालान की चपेट में आ सकते हैं।

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