Thursday, April 28, 2011

Maharastra Police: पुलिस ट्रेनिंग स्‍कूल में 3 साल से चल रहा था सेक्‍स का 'खेल'?

कोल्‍हापुर. महाराष्‍ट्र के कोल्‍हापुर में पुलिस ट्रेनिंग स्‍कूल में यौन शोषण का मामला गरमाने लगा है। महिला कांस्‍टेबल के यौन शोषण के आरोपी इंस्‍पेक्‍टर युवराज कांबले को गिरफ्तार किया गया है और उसके नारको टेस्‍ट की मांग की जा रही है। हालांकि कांबले का कहना है कि उन्‍हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

इस स्‍कैंडल का खुलासा तब हुआ जब ट्रेनिंग स्‍कूल की 11 महिला कांस्‍टेबल के गर्भवती होने की खबरें सामने आईं। गत मार्च में इस स्‍कूल की 71 महिला कांस्‍टेबल का मेडिकल टेस्‍ट किया गया था। ऐसी खबर है कि उस वक्‍त सिर्फ दो महिला कांस्‍टेबल के गर्भवती होने की बात सामने आई हालांकि बाद एक को सामान्‍य करार दिया गया। अब इस स्‍कूल की 11 ट्रेनी कांस्‍टेबल के गर्भवती होने की बात कही जा रही है। इनमें से ज्‍यादातर कुंवारी हैं।

पीडित महिला कांस्‍टेबल की शिकायत है कि इंस्‍पेक्‍टर युवराज कांबले ने गत जनवरी में उसे टेस्‍ट पेपर देने के बहाने अपने कमरे पर बुलाया और उसकी मजबूरी का फायदा उठाया। आरोप है कि महिला कांस्‍टेबल की मेडिकल रिपोर्ट में भी हेर फेर की गई है।

स्‍थानीय सांसद सदाशिव राव का कहना है कि 11 कांस्‍टेबल गर्भवती हैं। उनके मुताबिक तीन साल से ट्रेनिंग स्‍कूल में यह खेल चल रहा था। अभी डर के मारे कई कांस्‍टेबल सामने नहीं आ रही हैं। उन्‍हें वरिष्‍ठ अफसरों के घर पर सेक्‍स के लिए भेजा जाता था।

मामला एक कांस्‍टेबल की शिकायत के बाद उजागर हुआ। बताया जा रहा है कि पुलिस ट्रेनिंग स्‍कूल में यह गोरखधंधा किसी संगठित अपराध का हिस्‍सा हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि जांच के बाद इस मामले में कई रसूखदार लोग बेनकाब हो सकते हैं।

महाराष्‍ट्र के गृह मंत्री आर.आर पाटिल ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच की जिम्‍मेदारी नाशिक ग्रामीण की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मैथिली झा को दी गई है। महिला आयोग ने भी अपनी ओर से जांच के आदेश दिए हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि मेडिकल जांच में केवल एक महिला गर्भवती पाई गई है और वही शिकायतकर्ता भी है। लेकिन स्थानीय सांसद सदाशिव मंडलिक ने दावा किया कि पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में कुल 11 महिला कांस्टेबल गर्भवती हुई हैं और इनमें से एक कांस्टेबल ने गर्भपात भी कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक यशस्वी यादव भी इस कांड में शामिल हैं, इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए उनका तबादला किया जाना चाहिए।
घटना सामने के बाद राज्‍य सरकार ने मामले की जांच के लिए उच्‍च स्‍तरीय समिति का गठन कर दिया है। आरोप इंस्‍पेक्‍टर के खिलाफ स्‍थानीय पुलिस स्‍टेशन में मामला दर्ज कर उसे निलंबित भी कर दिया गया है।

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