Monday, March 28, 2011

Election Commission & Police : डीएम व एसपी नियुक्त कर सकता है निर्वाचन आयोग

चेन्नई। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक [डीजीपी] बदलने को लेकर जारी विवाद के बीच निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उसके पास पर्याप्त शक्तियां हैं। आयोग की ओर से मद्रास हाईकोर्ट में बताया गया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो, इसके लिए राज्य में वह किसी भी पुलिस अफसर को डीजीपी बना सकता है। इतना ही नहीं कौन जिला निर्वाचन अधिकारी हो, इस बारे में भी उसे पर्याप्त संवैधानिक अधिकार हैं। आयोग के अनुसार, निर्विवाद चुनाव कराने के लिए वह डीएम और एसपी भी बदल सकता है और उनकी जगह बेदाग छवि वाले अफसर को नियुक्त कर सकता है।
अदालत में दाखिल हलफनामे में आयोग ने ये तर्क दिए हैं। आयोग ने कहा कि तमिलनाडु में 13 अप्रैल को होने वाले विधान सभा चुनावों में धन बल के इस्तेमाल को रोकने के लिए छापेमारी और वाहनों को जब्त करने का आदेश देने का भी उसे अधिकार है। आयोग ने अदालत से कहा कि उसके इन निर्णयों को दुर्भावनापूर्ण नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना उसकी संवैधानिक जिम्मेदारी है।
आयोग ने लतिका सरन को हटा कर भोला नाथ को राज्य का पुलिस महानिदेशक नियुक्त कर दिया था। उसके इस निर्णय पर मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने एक रैली में नाराजगी जाहिर की थी। इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति एलिप धर्मा राव और न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल की पीठ ने पिछले हफ्ते चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। जिसका आयोग ने सोमवार को जवाब दिया। अदालत ने आयोग से पूछा था कि राज्य सरकार से बगैर सलाह किए क्या वह अधिकारियों के तबादले का आदेश दे सकता है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एम वाई इकबाल और न्यायमूर्ति टीएस सिवांगनाम की समक्ष आयोग ने अपना जवाब दाखिल किया। जिसमें आयोग ने स्पष्ट किया कि निर्विवाद चुनाव कराने के लिए वह किसी भी पुलिस अफसर को डीजीपी बना सकता है। उसके इस निर्णय पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। उसे संविधान, अपराध प्रक्रिया संहिता और आयकर अधिनियम के तहत छापेमारी और वाहनों को जब्त करने का भी अधिकार है।
courtesy- yahoo

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